आने लगे हैं वो भी अयादत के वास्ते By Sher << भूली नहीं उजड़े हुए गुलशन... शजर-ए-तर न यहाँ बर्ग-ए-शन... >> आने लगे हैं वो भी अयादत के वास्ते ऐ चारागर मरीज़ को अच्छा किया न जाए Share on: