आओ तो मेरे सहन में हो जाए रौशनी By Sher << दो तरफ़ था हुजूम सदियों क... तमाम शहर से मैं जंग जीत स... >> आओ तो मेरे सहन में हो जाए रौशनी मुद्दत गुज़र गई है चराग़ाँ किए हुए Share on: