आशिक़ को देखते हैं दुपट्टे को तान कर By Sher << बोसे बीवी के हँसी बच्चों ... मक़तल-ए-शौक़ के आदाब निरा... >> आशिक़ को देखते हैं दुपट्टे को तान कर देते हैं हम को शर्बत-ए-दीदार छान कर Share on: