बेताब सा फिरता है कई रोज़ से 'आसी' By बेक़रारी, Sher << फिर दयार-ए-हिन्द को आबाद ... बीमार-ए-ग़म की चारागरी कु... >> बेताब सा फिरता है कई रोज़ से 'आसी' बेचारे ने फिर तुम को कहीं देख लिया है Share on: