आते हैं जैसे जैसे बिछड़ने के दिन क़रीब By Sher << ऐ मसीहाओ अगर चारागरी है द... अयादत को आए शिफ़ा हो गई >> आते हैं जैसे जैसे बिछड़ने के दिन क़रीब लगता है जैसे रेल से कटने लगा हूँ मैं Share on: