ख़ूगर-ए-लज़्ज़त-ए-आज़ार था इतना 'आतिश' By Sher << हंगाम-ए-वस्ल रद्द-ओ-बदल म... भूक तख़्लीक़ का टैलेंट बढ... >> ख़ूगर-ए-लज़्ज़त-ए-आज़ार था इतना 'आतिश' दर्द भी माँगा तो पहले से सिवा माँगा था Share on: