आतिश-ए-मस्त जो मिल जाए तो पूछूँ उस से By Sher << अब मुलाक़ात हुई है तो मुल... आसमान और ज़मीं का है तफ़ा... >> आतिश-ए-मस्त जो मिल जाए तो पूछूँ उस से तू ने कैफ़िय्यत उठाई है ख़राबात में क्या Share on: