आवाज़ हूँ उभर के जो सहरा में खो गई By Sher << देखा है किस निगाह से तू न... ज़िंदगी तो सपना है कौन &#... >> आवाज़ हूँ उभर के जो सहरा में खो गई या ज़िंदगी के बहर में मौज-ए-ख़याल हूँ Share on: