आया न एक बार अयादत को तू मसीह By Sher << तारीकियों के पार चमकती है... आरिज़ पे तेरे मेरी मोहब्ब... >> आया न एक बार अयादत को तू मसीह सौ बार मैं फ़रेब से बीमार हो चुका Share on: