अब देखता हूँ मैं तो वो अस्बाब ही नहीं By Sher << ऐ ख़ुदा मेरी रगों में दौड... आँखों की प्यालियों में बा... >> अब देखता हूँ मैं तो वो अस्बाब ही नहीं लगता है रास्ते में कहीं खुल गया बदन Share on: