अब इस को ज़िंदगी कहिए कि अहद-ए-बे-हिसी कहिए By Sher << आज बहुत उदास हूँ अयाँ थे जज़्बा-ए-दिल और ब... >> अब इस को ज़िंदगी कहिए कि अहद-ए-बे-हिसी कहिए घरों में लोग रोते हैं मगर रस्तों पे हँसते हैं Share on: