अब कौन सी मता-ए-सफ़र दिल के पास है By Sher << बहुत क़रीब रही है ये ज़िं... दिल ओ निगाह पे तारी रहे फ... >> अब कौन सी मता-ए-सफ़र दिल के पास है इक रौशनी-ए-सुब्ह थी वो भी उदास है Share on: