अब के वस्ल का मौसम यूँही बेचैनी में बीत गया By Sher << आदत के ब'अद दर्द भी द... ऐ लहू मैं तुझे मक़्तल से ... >> अब के वस्ल का मौसम यूँही बेचैनी में बीत गया उस के होंटों पर चाहत का फूल खिला भी कितनी देर Share on: