अब किसी दर्द का शिकवा न किसी ग़म का गिला By Sher << हर एक रंज उसी बाब में किय... हर ख़ुदा जन्नतों में है म... >> अब किसी दर्द का शिकवा न किसी ग़म का गिला मेरी हस्ती ने बड़ी देर में पाया है मुझे Share on: