अब तिरे हिज्र में इक पल न गुज़ारा जाए By Sher << यार मैं इतना भूका हूँ मैं अक्सर खो सा जाता हूँ ... >> अब तिरे हिज्र में इक पल न गुज़ारा जाए ये न हो क़ैस तिरा दश्त में मारा जाए Share on: