अब तो ज़रा सा गाँव भी बेटी न दे उसे By Sher << ये कहना हार न मानी कभी अं... आँधियाँ आईं उठा कर ले गईं... >> अब तो ज़रा सा गाँव भी बेटी न दे उसे लगता था वर्ना चीन का दामाद आगरा Share on: