अबस तू घर बसाता है मिरी आँखों में ऐ प्यारे By Sher << आसमानों से ज़मीं की तरफ़ ... आँसू हूँ हँस रहा हूँ शगूफ... >> अबस तू घर बसाता है मिरी आँखों में ऐ प्यारे किसी ने आज तक देखा भी है पानी पे घर ठहरा Share on: