पस-मंज़र में 'फ़ीड' हुए जाते हैं इंसानी किरदार By Sher << थे उस के साथ ज़वाल-ए-सफ़र... हमें पीने से मतलब है जगह ... >> पस-मंज़र में 'फ़ीड' हुए जाते हैं इंसानी किरदार फ़ोकस में रफ़्ता रफ़्ता शैतान उभरता आता है Share on: