हुस्न-ए-क़िस्मत से हमेशा 'फ़ितरत' By Sher << आज खेलेंगे मिरे ख़ून से ह... असर न पूछिए साक़ी की मस्त... >> हुस्न-ए-क़िस्मत से हमेशा 'फ़ितरत' बख़्त बेदार रहा ख़्वाबों में Share on: