कैफ़-ओ-मस्ती सुरूर क्या मा'नी By Sher << उम्र जो बे-ख़ुदी में गुज़... सुब्ह ये फ़िक्र कि हो जाए... >> कैफ़-ओ-मस्ती सुरूर क्या मा'नी ज़िंदगी में भी अब ख़ुशी कम है Share on: