अभी ज़िंदा हैं हम पर ख़त्म कर ले इम्तिहाँ सारे By Sher << इक नदी में सैकड़ों दरिया ... लोग समझे अपनी सच्चाई की ख... >> अभी ज़िंदा हैं हम पर ख़त्म कर ले इम्तिहाँ सारे हमारे बाद कोई इम्तिहाँ कोई नहीं देगा Share on: