अभी से होश उड़े मस्लहत-पसंदों के By Sher << बद-तर है मौत से भी ग़ुलाम... अब खुल के कहो बात तो कुछ ... >> अभी से होश उड़े मस्लहत-पसंदों के अभी मैं बज़्म में आया अभी बोला कहाँ बोला Share on: