अभी तो चाक पे जारी है रक़्स मिट्टी का By Sher << बन रहे हैं सतह-ए-दिल पर द... लहू की सूखी हुई झील में उ... >> अभी तो चाक पे जारी है रक़्स मिट्टी का अभी कुम्हार की निय्यत बदल भी सकती है Share on: