अभी तो मौसम-ए-ख़िज़ाँ है ये By Sher << अना रहती थी पहले-पह्ल लेक... आँखें मलता रोता चाँद >> अभी तो मौसम-ए-ख़िज़ाँ है ये खिलेंगे फूल भी बहार के साथ Share on: