अभी तो तन्क़ीद हो रही है मिरे मज़ाक़-ए-जुनूँ पे लेकिन By Sher << अब मिरी कोई ज़िंदगी ही नह... तुम्हारी जीत में पिन्हाँ ... >> अभी तो तन्क़ीद हो रही है मिरे मज़ाक़-ए-जुनूँ पे लेकिन तुम्हारी ज़ुल्फ़ों की बरहमी का सवाल आया तो क्या करोगे Share on: