मैं बारिशों में बहुत भीगता रहा 'आबिद' By Sher << सब अपने अपने तरीक़े से भी... मगर ये तीरगी जाने का नाम ... >> मैं बारिशों में बहुत भीगता रहा 'आबिद' सुलगती धूप में इक छत बहुत ज़रूरी है Share on: