अँधेरी शब का सफ़र था हवा थी सहरा था By Sher << फ़लक पे भीड़ लगी थी शिकस्... अच्छा तिरी नज़र में बहुत ... >> अँधेरी शब का सफ़र था हवा थी सहरा था दिए को मैं ने बचाया था और दिए ने मुझे Share on: