अफ़्साना मोहब्बत का पूरा हो तो कैसे हो By Sher << घर जल रहा था सब के लबों प... दर्द बढ़ कर दवा न हो जाए >> अफ़्साना मोहब्बत का पूरा हो तो कैसे हो कुछ है दिल-ए-क़ातिल तक कुछ है दिल-ए-बिस्मिल तक Share on: