अफ़्सुर्दा-दिल के वास्ते क्या चाँदनी का लुत्फ़ By Sher << लुट गए एक ही अंगड़ाई में ... लफ़्ज़ ओ मंज़र में मआनी क... >> अफ़्सुर्दा-दिल के वास्ते क्या चाँदनी का लुत्फ़ लिपटा पड़ा है मुर्दा सा गोया कफ़न के साथ Share on: