अपने ही दम से चराग़ाँ है वगरना 'आफ़्ताब' By Sher << हर दम दुआ-ए-आब-ओ-हवा माँग... आँखें भी हैं रस्ता भी चरा... >> अपने ही दम से चराग़ाँ है वगरना 'आफ़्ताब' इक सितारा भी मिरी वीरान शामों में नहीं Share on: