किन मंज़रों में मुझ को महकना था 'आफ़्ताब' By Sher << मेरी क़िस्मत की कजी का अक... मैं ने 'अनवर' इस ... >> किन मंज़रों में मुझ को महकना था 'आफ़्ताब' किस रेगज़ार पर हूँ मैं आ कर खिला हुआ Share on: