वो शोर होता है ख़्वाबों में 'आफ़्ताब' 'हुसैन' By Sher << ये रूपोशी नहीं है सूरत-ए-... वहाँ ज़ेर-ए-बहस आते ख़त-ओ... >> वो शोर होता है ख़्वाबों में 'आफ़्ताब' 'हुसैन' कि ख़ुद को नींद से बेदार करने लगता हूँ Share on: