ये मोहब्बत के महल ता'मीर करना छोड़ दे By Sher << लगी रहती है अश्कों की झड़... टूट सकता है छलक सकता है छ... >> ये मोहब्बत के महल ता'मीर करना छोड़ दे मैं भी शहज़ादा नहीं हूँ तू भी शहज़ादी नहीं Share on: