अगर चली है तो चल यूँ कि पात भी न हिले By Sher << अजब की साहिरी उस मन-हरन क... अबस मल मल के धोता है तू अ... >> अगर चली है तो चल यूँ कि पात भी न हिले ख़लल न लाए सबा तू फ़राग़ में गुल के Share on: