अगर नज़ारा है मंज़ूर खस्ता-हालों का By Sher << बे-सबब 'राग़िब' त... हम आज हँसते हुए कुछ अलग द... >> अगर नज़ारा है मंज़ूर खस्ता-हालों का तो आओ खोल दें जूड़ा तुम्हारे बालों का Share on: