अगर सच इतना ज़ालिम है तो हम से झूट ही बोलो By Sher << बड़े ताबाँ बड़े रौशन सिता... अभी सहीफ़ा-ए-जाँ पर रक़म ... >> अगर सच इतना ज़ालिम है तो हम से झूट ही बोलो हमें आता है पतझड़ के दिनों गुल-बार हो जाना Share on: