अगर शुऊर न हो तो बहिश्त है दुनिया By Sher << डर है कहीं मैं दश्त की जा... तू भले मेरा ए'तिबार न... >> अगर शुऊर न हो तो बहिश्त है दुनिया बड़े अज़ाब में गुज़री है आगही के साथ Share on: