अहबाब-ओ-अक़ारिब के बरताव कोई देखे By Sher << ब-ज़ाहिर एक ही शब है फ़िर... नश्शा-ए-यार का नशा मत पूछ >> अहबाब-ओ-अक़ारिब के बरताव कोई देखे अव्वल तो मुझे गाढ़ा ऊपर से दबाते हैं Share on: