लगता है कि इस दिल में कोई क़ैद है 'अश्फ़ाक़' By Sher << सारे दरिया फूट पड़ेंगे इक... शाम ढलने से फ़क़त शाम नही... >> लगता है कि इस दिल में कोई क़ैद है 'अश्फ़ाक़' रोने की सदा आती है यादों के खंडर से Share on: