ऐसा एक मक़ाम हो जिस में दिल जैसी वीरानी हो By Sher << है मुसीबत में गिरफ़्तार म... अब तुझे मेरा नाम याद नहीं >> ऐसा एक मक़ाम हो जिस में दिल जैसी वीरानी हो यादों जैसी तेज़ हवा हो दर्द से गहरा पानी हो Share on: