ऐसे अंजान बने बैठे हो By Sher << इस एक बात से गुलचीं का दि... मैं भी सच कहता हूँ इस जुर... >> ऐसे अंजान बने बैठे हो तुम को कुछ भी न पता हो जैसे Share on: