अजब सी कशमकश तमाम उम्र साथ साथ थी By Sher << आइने में है फिर वही सूरत मैं फिर रहा हूँ शहर में स... >> अजब सी कशमकश तमाम उम्र साथ साथ थी रखा जो रूह का भरम तो जिस्म मेरा मर गया Share on: