अज़-बस-कि तू प्यारा है मुझे तेरे सिवा यार By Sher << उम्र भर किस ने भला ग़ौर स... ये ज़मीं ख़ुद हो जन्नतों ... >> अज़-बस-कि तू प्यारा है मुझे तेरे सिवा यार सौगंद में खाता नहीं वल्लाह किसी की Share on: