अजीब शोर मचाने लगे हैं सन्नाटे By Sher << वो मेरी राह में काँटे बिछ... ज़ख़्म गिनता हूँ शब-ए-हिज... >> अजीब शोर मचाने लगे हैं सन्नाटे ये किस तरह की ख़मोशी हर इक सदा में है Share on: