अज़ीज़ान-ए-वतन को ग़ुंचा ओ बर्ग ओ समर जाना By Sher << जिस रस्ते में तुम मिल जाओ दिल के ज़ख़्मों की चुभन द... >> अज़ीज़ान-ए-वतन को ग़ुंचा ओ बर्ग ओ समर जाना ख़ुदा को बाग़बाँ और क़ौम को हम ने शजर जाना Share on: