अजनबी लोग हैं मैं जिन में घिरा रहता हूँ By Sher << आना ज़रा तफ़रीह रहेगी फ़र्त-ए-ग़म-ए-हवादिस-ए-दौ... >> अजनबी लोग हैं मैं जिन में घिरा रहता हूँ आश्ना कोई यहाँ मेरे फ़साने का नहीं Share on: