अक़्ल में जो घिर गया ला-इंतिहा क्यूँकर हुआ By Sher << करता है लहू दिल को हर इक ... बे-ख़्वाबी कब छुप सकती है... >> अक़्ल में जो घिर गया ला-इंतिहा क्यूँकर हुआ जो समा में आ गया फिर वो ख़ुदा क्यूँकर हुआ Share on: