अक़्ल ने तर्क-ए-तअल्लुक़ को ग़नीमत जाना By Sher << दरीदा-जैब गरेबाँ भी चाक च... ऐ गर्दिश-ए-अय्याम हमें रं... >> अक़्ल ने तर्क-ए-तअल्लुक़ को ग़नीमत जाना दिल को बदले हुए हालात पे रोना आया Share on: