अख़्लाक़ ओ शराफ़त का अंधेरा है वो घर में Admin श्रावण मास शायरी, Sher अख़्लाक़ ओ शराफ़त का अंधेरा है वो घर में जलते नहीं मासूम गुनाहों के दिए भी Share on: