अख़ीर वक़्त है किस मुँह से जाऊँ मस्जिद को By Sher << बहुत दूर तो कुछ नहीं घर म... आशिक़ की बे-कसी का तो आलम... >> अख़ीर वक़्त है किस मुँह से जाऊँ मस्जिद को तमाम उम्र तो गुज़री शराब-ख़ाने में Share on: